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2 October 2025 at 12:30 pm IST

दशहरा-दीवाली से पहले मोदी सरकार ने दिए किसानों को ये खास तोहफे, मिलेगा ये लाभ

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नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "दशहरे और दीवाली के पहले प्रधानमंत्री ने देश के किसानों को दो बड़ी सौगातें दी हैं। भारत में कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। इन किसानों की आय बढ़ाने के लिए उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना और उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना मोदी सरकार का फैसला है। उत्पादन का उचित मूल्य देने के लिए MSP पर खरीदी सुनिश्चित की गई है। रबी की 6 फसलों पर आज MSP घोषित की गई है। इसमें ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। गेहूं अब 2585 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा, जो पहले 2425 रुपये प्रति क्विंटल था। जौ अब 2150 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा, जबकि पहले इसके दाम 1980 रुपये थे। चना 8575 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। मसूर का MSP 6700 से बढ़ाकर 7000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। पिछले 11 साल में लगभग 44% खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा है। हालांकि दलहन के उत्पादन में हम अभी तक आत्मनिर्भर नहीं हैं। आत्मनिर्भरता जरूरी है। इसलिए आज दलहन मिशन को भी स्वीकृति दी गई है, जिसके अंतर्गत दलहन का क्षेत्र बढ़ाने का अभियान चलाया जाएगा। क्षेत्र बढ़ाने के साथ-साथ हम दलहन की उत्पादकता बढ़ाने का भी काम करेंगे।


उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए MSP पर खरीदी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक वृद्धि बताया। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने गेहूं, चना, मसूर, सरसों आदि के MSP में हुई वृद्धि का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं और धान की पूरी उपज सरकार खरीदेगी, और मसूर, तूर (अरहर) और उड़द की भी पूरी उत्पादित मात्रा खरीदी जाएगी, बशर्ते किसान पंजीकरण करवाएं, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।


शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 44% की वृद्धि हुई है, लेकिन देश अभी भी दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है। इसलिए, विदेशी आयात पर निर्भरता कम करने और किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दलहन मिशन को मंजूरी दी गई है। इस मिशन का लक्ष्य अगले 6 वर्षों (2030-31 तक) में दलहन का उत्पादन 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन करना है। इसके तहत 416 जिलों का चयन किया गया है, जहां क्लस्टर अप्रोच के आधार पर किसानों को निशुल्क उन्नत बीज और आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी दी जाएगी।


साभार: अमर उजाला

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